tag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post330786731943042701..comments2024-02-28T19:01:43.131-08:00Comments on साला सब फ़िल्मी है...: जज्बातों के लिबास बनने की मुश्किल कोशिश करते अल्फ़ाज......Ankur Jainhttp://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-13667923451903331242016-07-27T22:20:01.386-07:002016-07-27T22:20:01.386-07:00वाह बहुत सुन्दर ! मन में आये विचारों को बड़े ही प्र...वाह बहुत सुन्दर ! मन में आये विचारों को बड़े ही प्रभावी ढंग से पेश किया है आपने , मन में आये विचारों को बिखेरना तो बहुत आसान है जैसे किसी बुनी हुई स्वेटर उधेड़ना हो, जो आसान भी होता है और उधेड़ना अच्छा भी लगता है लेकिन उसे फिर से एकसूत्र में पिरोना उतना ही मुश्किल । शानदार प्रस्तुति !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06354217658395695578noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-33000253026018354552013-03-10T22:33:04.738-07:002013-03-10T22:33:04.738-07:00शुक्रिया सर..पर मुझे तो ऐसा ही लगता है क्योंकि अपन...शुक्रिया सर..पर मुझे तो ऐसा ही लगता है क्योंकि अपने लफ्जों से जज्बातों को समझाने में खुद को हमेशा असमर्थ ही महसूस किया है मैनें...Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-16474379669644851932013-03-10T03:24:46.012-07:002013-03-10T03:24:46.012-07:00 अंकुर आपकी पोस्ट हमारे दौर के हर संवेदनशील इंसान ... अंकुर आपकी पोस्ट हमारे दौर के हर संवेदनशील इंसान की चिंता को बयां करती है कुछ भी सार्थक करने का भाव अंत में अर्थहीन हो जाता है लेकिन आप के अल्फाज गरीब नहीं है वे यूँ ही खो नहीं जाते, वो परिवर्तन करते हैं बस हम और आप उनसे वाकिफ नहीं हो पाते। सुंदर और अर्थपूर्ण प्रस्तुतिsourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-16868236766584448902013-03-08T09:25:56.628-08:002013-03-08T09:25:56.628-08:00यह गीत प्रभावित करता है क्योंकि मेरा भी सच बताता ह...यह गीत प्रभावित करता है क्योंकि मेरा भी सच बताता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-52291180261372649442013-03-08T08:18:51.463-08:002013-03-08T08:18:51.463-08:00शुक्रिया अल्पना जी..जो महसूस किया वो लिख दिया।।।शुक्रिया अल्पना जी..जो महसूस किया वो लिख दिया।।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-52236379854471581442013-03-08T08:00:34.933-08:002013-03-08T08:00:34.933-08:00जी आपकी सलाह पर ध्यान दुंगा...धन्यवाद अवगत कराने क...जी आपकी सलाह पर ध्यान दुंगा...धन्यवाद अवगत कराने के लिये।।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-75762722068831372482013-03-08T07:33:07.936-08:002013-03-08T07:33:07.936-08:00भ्रम के इस युग में अल्फाज सबसे बड़े भ्रम हैं.........भ्रम के इस युग में अल्फाज सबसे बड़े भ्रम हैं.............बहुत अच्छा उकेरा है मन के भावों को। लेकिन एक शिकायत है।<br />(उसके सीने में स्थित जज्बातों) इस वाक्य में स्थित शब्द ठीक नहीं लग रहा है। इसकी जगह मौजूद लिखते तो रवानगी आती वाक्य में। या स्थित के आगे-पीछे की शब्द भी विशुद्ध हिन्दी में होते तो भी बढ़िया होता। इस तरह के कांबिनेशन से बचें, ये मेरा बिना मांगा हुआ सुझाव है आपको। <br />इतनी लम्बी टिप्पणी इसलिए करी क्योंकि इस आलेख में प्रकट आपके विचार ने सोचने पर विवश कर दिया।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-59075559077417928802013-03-08T07:10:53.697-08:002013-03-08T07:10:53.697-08:00जो बातें हैं वो जज्बात नहीं है...वो जज्बात हो ही न...जो बातें हैं वो जज्बात नहीं है...वो जज्बात हो ही नहीं सकते क्योंकि जज्बात नग्न ही होते हैं और अदृश्य भी...ये लफ्जों के लिबास उन्हें ढंक सकते हैं प्रगट नहीं कर सकते।पूरा जीवन उस एक शख्स और उन चंद अल्फाजों को खोजने में लग जाता है जहां जज्बातों को पनाह मिल सके।<br /><br />वाह!क्या बात कह दी अंकुर आप ने..बहुत खूब!<br />..............<br />बहुत अच्छी लगी यह पोस्ट.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-30538954540606490282013-03-08T06:26:24.529-08:002013-03-08T06:26:24.529-08:00जज्बातों को अल्फ़ाज.में पिरो कर वयां करना बड़ा मुश्...<b>जज्बातों को अल्फ़ाज.में पिरो कर वयां करना बड़ा मुश्किल कार्य होता है ..... </b><br /><br /><b>Recent post</b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/03/blog-post_7.html#links" rel="nofollow">: रंग गुलाल है यारो,</a><br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-9263855745819475842013-03-08T05:51:27.958-08:002013-03-08T05:51:27.958-08:00Thank you for sharing your info. I really apprecia...Thank you for sharing your info. I really appreciate your efforts and I am waiting for your further write ups thank you once again.<br /><br /><br />My site <a href="http://www.erovilla.com" rel="nofollow">link</a>Anonymousnoreply@blogger.com