tag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post5364452576395771134..comments2024-02-28T19:01:43.131-08:00Comments on साला सब फ़िल्मी है...: इश्क़ तुम्हें हो जायेगा........Ankur Jainhttp://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-2008448771285535072014-10-26T21:59:07.428-07:002014-10-26T21:59:07.428-07:00आपकी समीक्षा पढ़ने के बाद पुस्तक पढ़ने का इरादा और प...आपकी समीक्षा पढ़ने के बाद पुस्तक पढ़ने का इरादा और पक्का हो गया है<br />धन्यवाद! Jayshreekarhttps://www.blogger.com/profile/16681737502254775194noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-5183711124471082772014-09-14T04:32:57.619-07:002014-09-14T04:32:57.619-07:00आपकी बातों से .... और आपकी पोस्ट से पूर्णत: सहमत ...आपकी बातों से .... और आपकी पोस्ट से पूर्णत: सहमत हूँ .... <br />अनु दी को एक बार फिर से बधाई <br />आपका आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-19345353953481630862014-09-13T22:13:20.883-07:002014-09-13T22:13:20.883-07:00अनु जी की रचनाओं का कायल रह हूँ मैं भी ... शुरू से...अनु जी की रचनाओं का कायल रह हूँ मैं भी ... शुरू से ही .... उनकी गहरी, आत्मीय रचनाओं को पढ़ पर अलग ही दौर का एहसास होने लगता है ... आपकी समीक्षा सामयिक है ... बधाई अनु जी को ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-43912366297108802002014-09-13T05:50:32.982-07:002014-09-13T05:50:32.982-07:00बहुत सुन्दर कविताओं का अति सुन्दर वर्णन।
आप दोनों ...बहुत सुन्दर कविताओं का अति सुन्दर वर्णन।<br />आप दोनों को बधाई और शुभकामनाएँ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/15621484269457427819noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-17892588107584124932014-09-12T09:52:05.780-07:002014-09-12T09:52:05.780-07:00अंकुर मेरी इस किताब को जितने लोगों ने भी खरीदा और ...अंकुर मेरी इस किताब को जितने लोगों ने भी खरीदा और पढ़ा सभी ने कुछ न कुछ कहाँ ज़रूर......मगर तुम्हारा लिखा मैं चाहती हूँ कहीं सहेज कर रखूं और एक विरासत के तौर पर अपने बच्चों और उनके बच्चों तक पहुंचाऊं कि वे कहें हमारी माँ/ दादी ने एक किताब लिखी थी और उसके बारे में एक ankur jain ने कुछ इस तरह लिखा था......<br />सच बेहद भावुक हो गयीं हूँ तुम्हारा स्नेह देख कर |<br />अपना लिखा सार्थक हुआ ये मान लिया आज मैंने ...<br /><br />बहुत बहुत शुक्रिया !! <br />ढेर सा स्नेह और शुभकामनाएं.<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com