tag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post2765992588130117794..comments2024-02-28T19:01:43.131-08:00Comments on साला सब फ़िल्मी है...: समाज के दो भिन्न ध्रुवों पर खड़ी नारियों का प्रतीक : तनुजा और कुसुमAnkur Jainhttp://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-36339180732343303982015-06-09T13:37:51.322-07:002015-06-09T13:37:51.322-07:00फिल्म के किरदारों की समीक्षा इससे अच्छी मैंने अभी ...फिल्म के किरदारों की समीक्षा इससे अच्छी मैंने अभी तक नहीं पड़ी, दत्तो जब अपना परिचय देती है तो लगता है महीला सशक्तिकरण को बखूबी दिखाया गया ..<br />bazm e jalalhttps://www.blogger.com/profile/07880412422667332798noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-8677318050224239522015-06-09T11:50:38.440-07:002015-06-09T11:50:38.440-07:00पहले की तरह उम्मीद के मुताबिक तनु वेड्स मनु रिटर्न...पहले की तरह उम्मीद के मुताबिक तनु वेड्स मनु रिटर्नस की समीक्षा भी काफी रोचक है, और फिल्म देखने के लिए प्रेरित करती है। फिल्म समीक्षा के बहाने समाज में महिला सशक्किरण और मुक्ति की बातें और महिलाओं के प्रति प्रचलित धाराओं पर चोट करने का अंदाज भी अच्छा लगा। <br />Anonymousnoreply@blogger.com