tag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post7549133708149084447..comments2024-02-28T19:01:43.131-08:00Comments on साला सब फ़िल्मी है...: क्या सच में बातों से ज़िंदगी नहीं चलती....???Ankur Jainhttp://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-20687116609894760742014-04-27T06:18:22.768-07:002014-04-27T06:18:22.768-07:00baatein hain baaton ka kya .. zindagi ko chalaate ...baatein hain baaton ka kya .. zindagi ko chalaate rahne ke liye baatein aur jinke sath baatein kar sake aise saathi bhi chahiyeBhavana Lalwanihttps://www.blogger.com/profile/10803470573955340519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-85025917202451609222012-08-30T09:37:16.279-07:002012-08-30T09:37:16.279-07:00बकियों का तो पता नहीं पर हम जैसे कुछ हैं जिंका बात...बकियों का तो पता नहीं पर हम जैसे कुछ हैं जिंका बातों के बिना पेट नहीं भरता..कोई साथ हो तो उससे बातें और कोई साथ न हो या अकेले रहना हो तो खुद से बातें...हमारा खाने के बिना पेट भर जाएगा...लेकिन बात के बिना तो बिलकुल नहीं...आखिर मौन मे भी तो बातें ही होती हैं...<br />शुक्रिया ब्लॉग मे अपनी टिप्पणी लिखने का...इसी बहाने कुछ नयी जगहों की भी सैर हो जाती है। Nehahttps://www.blogger.com/profile/01342785247243151659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-33749424967073470842012-08-30T00:07:51.082-07:002012-08-30T00:07:51.082-07:00फिल्मो से आपेक्षा रखना बेकार,मेरा मानना है,,,,,
जि...फिल्मो से आपेक्षा रखना बेकार,मेरा मानना है,,,,,<br />जिंदगी एक सफर है सुहाना,यहाँ कल क्या हो किसने जाना,,,,,<br /><br />पोस्ट पर आने के लिए आभार,,,,,, धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-50210764048637760342012-08-29T23:23:32.885-07:002012-08-29T23:23:32.885-07:00बहुत दिनों से यही सवाल मन में कोंध रहा था की आखिर...बहुत दिनों से यही सवाल मन में कोंध रहा था की आखिर बातों का जिन्दगी में महत्व कितना है ....आज आपका लेख पड़ कर बहुत सारे सवालों का हल मिल गया ....हमेशा की तरह बहुत ही उम्दा लिखा है .....सच में अब तो मेरे शब्द भी आपकी तारीफ करने से शर्माने लगे है ......सच में शेष न पावे पर वाली बात घटित होती है !!!!!!!!!!अव्यक्त https://www.blogger.com/profile/18341936207429241136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-34479929674350980882012-08-29T11:14:09.418-07:002012-08-29T11:14:09.418-07:00बहुत अच्छा विश्लेषण किया अंकुर जी आपने जिंदगी चलन...बहुत अच्छा विश्लेषण किया अंकुर जी आपने जिंदगी चलने का सच है ''जिंदगी कैसी है पहेली है ,कभी तो हंसाये कभी ये रुलाये..''Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-80971500967065620452012-08-29T10:48:31.873-07:002012-08-29T10:48:31.873-07:00और इन सबके साथ कालीन के नीचे छुपी-थकी-हारी, वेवश, ...और इन सबके साथ कालीन के नीचे छुपी-थकी-हारी, वेवश, फ्रस्टयाई, इगनोर की हुई, बेचारी ज़िंदगी चल रही है।..बढ़िया लिखा है..SAKET SHARMAhttps://www.blogger.com/profile/11249488966676421573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3000539000096334602.post-41676702422415122352012-08-29T09:54:35.252-07:002012-08-29T09:54:35.252-07:00फिल्में अपेक्षायें बढ़ा जाती हैं..फिल्में अपेक्षायें बढ़ा जाती हैं..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com