Tuesday, March 10, 2009

मनाएं सिर्फ तिलक होली..!

रंगों का त्यौहार होली का इंतज़ार हर किसी को होता है....लेकिन आज के दौर की व्यस्तताएं और दौड़ती- भागती ज़िंदगी ने कहीं ना कहीं इसका उत्साह ज़रूर कम कर दिया है...आज ये महज़ दो दिन की सरकारी छुट्टी बन गई है...ना होली पे भांग का नशा होता है..ना फाग के गीत...और आज के बदले हालातों ने इंसान को मजबूर भी इस कदर कर दिया है कि वो पहले जैसी मस्ती होली पर नहीं ला सकता....होली के रंगों में यदि पानी ना मिलाया जाए...तो रंगों का कुछ असर नहीं रह जाता...लेकिन आज के औद्योगिक युग में हम रंगों में पानी पहले की तरह नहीं घोल सकते...क्योंकि हमारे औद्योगिक विकास में भौगोलिक पतन समाया हुआ है...आज हमारे कुओं..बावड़ीयों, नदी-तालाबों में उतना पानी नहीं...कि हम पहले जैसें पानी को बहा सकें...इंसान ने पहाड़ो को चीरकर..धरती के कलेजे को फाड़कर और जंगलों को आग लगाकर..प्रकृति का इस कदर बलात्कार किया है....कि आज हमें उस धरती के आंचल से पानी को तरसना पड़ रहा है...बृह्मंड के सबसे खूबसूरत ग्रह का श्रंगार ही जिस जल से था, उस श्रंगार को उजाड़ने में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी....हालात आज हमारे सामने हैं...होली की ख़ुशियां हम मनाएं, खूब मेवा-मिष्ठान खाएँ और खिलाएं लेकिन रंगों में अनावश्यक पानी को ना बहाएं यही निवेदन है....इसलिए सिर्फ तिलक होली मनाएं.........

होली की ढेरों शुभकामनाएँ.......!!!!!!!!!!!!!

Tuesday, March 3, 2009

क्रिकेट का काला दिन…....

एक खेल जो दिलों को जोड़ता है.......एक खेल जो कहलाता है जैंटलमेन लोगों का गेम... एक खेल जो हो चुका है तकरीबन एक सौ बीस साल का....एक सौ बीस साल में इसने देखे कई खुशनुमा लम्हे...तो वहीं कई ऐसे पल जिन पर इस खेल को शर्म आयी हो..... लेकिन कोई पल कोई दिन इतना काला नहीं था जितना कि 03 मार्च सन् 2009....
जी हां...कहने को तो इस दिन भारतीय टीम ने न्युज़ीलैंड को उसकी ही धरती पर शिकस्त दी..पर ये ना सिर्फ भारतीयों के लिए बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए नज़रें झुका देने वाला मंज़र है......
जी हां ये शायद उस दिन से भी ज्यादा शर्मनाक है जब पाकिस्तानी कोच की वर्ल्ड कप के दौरान मौत हुई थी...या न्युज़ीलैण्ड क्रिकेट टीम की होटल के बाहर धमाके हुए थे...इस बार आतंकी अजगर ने क्रिकेट खेलने जा रही....टीम को निशाना बनाया...जो जीत की उम्मीद लिए मैदान रवाना हो रही थी...इस टीम का नाम है श्रीलंका...जो पाकिस्तान में खेले जा रहे दूसरे क्रिकेट टेस्ट के दौरान बस में बैठकर मैदान जा रही थी...एकाएक कुछ बंदूकधारी लोगों ने बस पर धड़ाधड़ गोलियों का सिलसिला चालू कर दिया...जिसमें पांच पुलिस कर्मियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया...और टीम के छह खिलाड़ी जख्मी हो गए...
निहायत ही इस घटना के बाद ये खेल अपने मौलिक मनोरंजन को खो देगा...क्योंकि खिलाड़ियों को अब अपनी खैरियत की चिंता भी सताएगी....इस घटना के बाद तमाम न्युज़ चैनल ये दम भरते नज़र आए...कि गनीमत है कि खिलाड़ियों की जान को कुछ नहीं हुआ...लेकिन उन पुलिसकर्मियों की अहमियत उनके परिवार वालों के लिए किसी खिलाड़ी से कम नहीं थी...
श्रीलंकाई टीम की दाद देनी होगी कि इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वे वहां खेलने गए...जबकि भारत ने अपना प्रस्तावित दौरा रद्ध कर दिया था...नहीं तो बस में श्रीलंकाई टीम की जगह भारतीय टीम भी हो सकती थी....
इस घटना के बाद पाकिस्तान में शायद ही कोई टीम क्रिकेट खेलने जाए...उनके वर्ल्ड कप की मेजबानी को भी तगड़ा झटका लगेगा...क्योंकि क्रिकेट की सभी शर्मनाक घटनाओं में कहीं न कहीं पाक शामिल है.......
चंद आतंकी ताकतों के कारण क्रिकेट के मनोरंजन से दूर एक बड़ा तबका होता है...पाकिस्तान के क्रिकेट प्रेमीयों के लिए ये बेहद निराशा की बात होगी........