Saturday, July 13, 2013

मेरा एक और ठिकाना- "बेचैनियों का गुलदस्ता"

मेरे प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
पिछले तीन सालों में इस ब्लॉग के जरिये मुझे आप सब के रूप में सैंकड़ो नये रिश्ते मिले हैं...खुद को अपने इस ब्लॉग के जरिये, मैं आप सब के परिवार जैसा ही मानता हूँ...आपकी प्रतिक्रियाओं से मिले ऑक्सीजन ने मेरी कलम को नयी ताकत और एक अलग जिंदगी दी है...अब इसी श्रृंख्ला में मैं अपनी कविताओं का..माफ कीजियेगा बेचैनियों का एक बेहद खास गुलदस्ता आप सबके बीच ला रहा हूँ- 'बेचैनियों का गुलदस्ता'। जी हाँ, यही है मेरा नया ब्लॉग।


वैसे मैं आपको बता दूँ, मैं न कोई कवि हूँ, न साहित्य जगत में अपनी रचनाओं से कुछ अवदान करने की हिमाकत करता हूँ...इस गुलदस्ते में सजे हुए गुलों को कविता कहने की गुस्ताख़ी न करें, इन्हें बेचैनियाँ ही रहने दिया जाये...बेचैनियां जिंदगी का सच हैं जो हर जिंदगी के साथ चलती रहती हैं, हर दिल में पलती रहती हैं- अपना रूप बदल-बदलकर। लेकिन इन हालातों के बीच, बेचैनियों से लड़ते हुए भी जिंदगी चलती रहती है..बस यही जिंदगी की सबसे अच्छी बात है और शायद यही सबसे बुरी भी।

बहरहाल, हो सकता है ये बेचैनियाँ आपको पका सकती हैं क्योंकि ये दिमाग से नहीं लिखी गई हैं, अतः इन्हें साहित्यिक पैमानों पर तौलने की कोशिश न करें। अब से पहले ये मेरे दिल और मेरी डायरी में खामोशी से सांसे लिया करती थी..अब इन्हें इस सायबर संजाल पे भी नया ठिकाना दे दिया है..इसके अलावा इन्हें कहीं जगह मिल भी नहीं सकती थी।

उम्मीद है जिस तरह से आपने मेरे 'साला सब फ़िल्मी है' ब्लॉग को प्यार दिया है, वैसा ही प्यार और अपनापन आप मेरे इस नए ब्लॉग को भी देंगे....और ब्लॉग फोलोअर्स बनकर मेरे इस ब्लॉग से भी रिश्ता जोड़े रहेंगे...साथ ही अपनी प्रतिक्रियाऑं से मेरे अच्छे-बुरे का ज्ञान भी मुझे कराते रहेंगे...तो फिर चटका लगते रहे- इस बेचैनियो के गुलदस्ते पर...ये आपके इंतजार में है…।
सादर
अंकुर 'अंश'

10 comments:

  1. शीघ्र ही वहाँ घूमकर आते हैं।

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    1. धन्यवाद प्रवीणजी...

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  2. नये ब्लॉग की बधाई,,,शुभकामनाए,,,

    RECENT POST : अपनी पहचान

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    1. शुक्रिया धीरेन्द्रजी...

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  3. बिलकुल हो के आते हैं और मिलते हैं आकी बेचेनियों से ...

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    1. हाहाहा..शुक्रिया नासवाजी.. :)

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  4. नए मंच का स्वागत!!शुभकामनाओं सहित

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    1. धन्यवाद सुज्ञजी...

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  5. बढ़िया है आपका बेचैनियों का गुलदस्‍ता।

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    1. जी धन्यवाद आपका....

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इस ब्लॉग पे पड़ी हुई किसी सामग्री ने आपके जज़्बातों या विचारों के सुकून में कुछ ख़लल डाली हो या उन्हें अनावश्यक मचलने पर मजबूर किया हो तो मुझे उससे वाकिफ़ ज़रूर करायें...मुझसे सहमत या असहमत होने का आपको पूरा हक़ है.....आपकी प्रतिक्रियाएं मेरे लिए ऑक्सीजन की तरह हैं-